प्यारी कोयल Poem by Rinku Tiwari

प्यारी कोयल

Rating: 5.0

रोज सुबह आती कोयल
सबको प्यार लुटाती कोयल
दिन ढलते उड़ जाती कोयल
तन से तो हैं काली कोयल
मन से हैं निराली कोयल
लगे शहद कि प्याली कोयल
सबकी प्रिय मतवाली कोयल
जंगल की रानी हैं कोयल
सहज सरल वरदायनी कोयल
बोले मीठी वाणी कोयल
अच्छी, प्यारी, न्यारी, कोयल

COMMENTS OF THE POEM
Tribhawan Kaul 06 July 2013

Achcha hai. Bachchon ke liye a bahut achchi kavita hai. Happy writing :)

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success