सबकी किस्मत में सारा जहान होता है Poem by Kezia Kezia

सबकी किस्मत में सारा जहान होता है

किसकी किस्मत मे सारा जहान होता है
कोई हँस कर सोता है कोई रोकर सोता है
सुबह का सूरज सबका एक सा होता है
धूप छांव अपने हिस्से खुद ही बटोरता है
वक़्त की तख़्ती पर हर तक़्दीर लिखी जाती है
स्याही वो अपने हिस्से की खुद ही चुनता है
कोई हंस कर सोता है कोई रोकर सोता है
पौध रंगों की आसमान में खुद ही रोपता है
क्यों लाचारगी का ठीकरा परवरदिगार पर फोड़ता है
सबकी किस्मत में लिखा उसने सारा जहान होता है
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Saturday, June 10, 2017
Topic(s) of this poem: god
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