जिंदगी Poem by Samar Sudha

जिंदगी

"समर, तू भी तो एक दिन राख होगा, रस्में खाक होगा."

"धुएं में उड़ेगे तेरे अक्ष, मिलेगी तुझे सच्ची बक्ष."

"ना होगी चिंता, ना होगा दर्द; ना होगा गर्म माहौल, ना होगी सर्द."

"रूह को मिलेगी खुशी अतिअंत; शुरुआत होगी नई, दुनिया के लिए अंत."

"बाक़ी है बचनी बस यादें, शब्दों में लोग ढूंढेगे इरादे."

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