मेरीमोहब्बत Poem by Raj Swami

मेरीमोहब्बत

Rating: 5.0

मेरी मोहब्बत
कबूल करती है तेरी रुसवाई
तेरा नजरें झुकाकर देखना
देखकर मुस्कुराना
मुस्कुराकर किसी और से कहना
मुशिकल हैदर्द दिल का सहना

देख मेरी वफ़ा भी
जान बनाकर पास रखा
मरने से पहले
जिंदा एहसास रखा
मेरी मोहब्बत
कबूल करती है तेरी रुसवाई


माफ करती है तुम्हें
मेरी मोहब्बत
सहेज कर रखुंगा
तेरी यादों का गुलदस्ता
मेरे टूटे दिल के हिस्से में

राज स्वामी

मेरीमोहब्बत
Thursday, May 10, 2018
Topic(s) of this poem: love,love and life
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
Love poem
COMMENTS OF THE POEM
Anu Mehta 22 May 2019

मेरी मोहब्बत कबूल करती है तेरी रुसवाई तेरा नजरें झुकाकर देखना देखकर मुस्कुराना मुस्कुराकर किसी और से कहना मुशिकल है दर्द दिल का सहना your poem is very nice, i like it :)

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