एक विचार...! Poem by Vidya Pandarinath

एक विचार...!

एहसास मुझे क्या है...
तुम क्या जानो...
शिकायत...आहत...चोट...ये सब
तुम्हारी वजह से...

भावनाएँ क्या है...
तुम क्या जानो...
खोखला...खाली....अलग....ये सब
तुम्हारी सोच से...

सचाई क्या है...
तुम क्या जानो...
वास्तविक...तथ्य....यथार्थ बात...ये सब
तुम्हारी व्यक्तित्व से.....बहार है


एकजुटता क्या है...
तुम क्या जानो
साथ...अपनापन....दिलासा...ये सब
तुम्हारी ज्ञान से...बहार है..!

प्रतिष्ठा क्या है...
तुम क्या जानो
सम्मान...सभ्य...परवाह....ये सब
तुम्हारी चेतना से.....बहार है..!

अच्छा जीव क्या है...
तुम क्या जानो
ईमानदारी...साहस...अखंडता ये सब
तुम्हारी प्रकृति से.....बहार है..!

Thursday, June 16, 2022
Topic(s) of this poem: thoughts,life
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Poem is about thoughts in Hindi
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