गर तू दिन है,
और मैं रात।
तो मिलें वहाँ
जहाँ सांझ देती है आसमान को
तारों की सौगात ।
जहाँ चाँद कहकहे लगाता है
पर धरती थोड़ा शरमाती है
जहाँ किनारे बहते रहते हैं
पर नदिया ठहरी रहती है
जहाँ जीवों को वेदना भूलती है
निर्जीवो में प्राण बसते हैं
जहां जन्मों के बंधन से हटकर
प्रेम निभाया जाता है
गर तू दिन है,
और मैं रात।
तो मिलें वहाँ
जहाँ साँझ
दिन और रात को एक कर
आँखों में सपना बन तैरती है
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Khoobsurat nazm.... Ye sangam koi naya gul zaroor khilayega...10+++++
जहाँ किनारे बहते रहते हैं / पर नदिया ठहरी रहती है जहां जन्मों के बंधन से हटकर / प्रेम निभाया जाता है.... //.... प्रेम की एक अद्भुत तस्वीर और संबंधों का एक अनोखा रूप जिसमें अपने प्रिय से मिलने का आनन्द काल के बन्धनों से मुक्त हो कर सर्व-व्यापक हो जाता है.
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Bahut behtareen kalpna sur uska chitran. Bahut behtareen.