ख्याल
ख्याल तेरा आते ही,
मेरे चेहरे पर नूर सा आ जाता।।
तू "माँ" हैं ना तुझे देख कर,
मेरे जीवन में सकूँ सा आ जाता।।
क्या व्यक्त करुँ "माँ" के बारे में
कि दूर ऊपर से देख रही थी,
हाल चाल मेरा पूछ रही थी।।
रख मेरे सिर पर हाथ
मेरे गालों को सहला रही थी।।
पूछ रही थी बड़ा कमजोर हो गया,
क्यूँ नहीं रखता अपना खयाल।।
मैने कहा माँ जब तक तू थी तू रखती थीं मेरा ख्याल,
अब कौन रखे मेरा ख्याल।।
जब भी तू मेरे ख्यालो मे आती,
मेरे चेहरे पर एक मुस्कान सी आ जाती ।।
हर पल हर दिन यही खयाल आता,
कि काश तू फिर आ जाती मेरा ख्याल रखने के लिए,
इस मतलबी दुनिया से मुझे बचाने के लिए।।
मैं रात को इस खयाल के साथ सोता,
कि तू मुझे फिर प्यारी सी लोरी सुनाती और,
मैं तेरी गोदी सिर रख कर सुकूं से सो जाता ।।
कि भौर होती तू मेरे सिर पर हाथ फेरती,
और मुझे जगाने का एक प्यारा सा प्रयास करती।।
अगर मैं नहीं उठता तो तू मुझे एक प्यारा सा थप्पड़ मारती,
पर आँखे खुलते ही वो ख्याल भी काफूर होजाता,
और मैं जिंदगी की जद्दोजहद मे फिर फँस जाता।।
काश वो तेरा ख्याल कभी मेरी आँखों से ओझल ना होता,
ना खुली आँखों मे, ना बंद आँखों मे।।
एक प्यारा सा ख्याल मेरी नन्ही कलम
(शरद भाटिया)
Nahi koi saani uska, na hua hai na ho sakta Mere ghar se jaa kar ghar aane tak Jo sath chalte rehta ek silsila Dua'aoN ka. Maa ka pyar aur dulaar koi aur nahi de sakta. Ek Umda kavita Maa ke naam 100++
Bahut sundar rachna maa hamesha hoti hai khas. Unki jagah koi le hi nahi sakta. Maa ka pyar aur khayal bahut hi badhiya saath hai. Maa ki ehmiyat wo hi janta hai jo usse door ho gaya hai. Uss dard ka koi dawa nahi. Maa jaisa koi nahi. Bahut bahut aabhar mere kavita se foot kar nikla umda ladiyoon ko sailab. Aabhar aapka.
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माँ और उसके बच्चे का संबंध समस्त सांसारिक संबंधों से अलग व सबसे ऊँचा है. मां बच्चे के लिए एक मजबूत सुरक्षा चक्र के समान है. आपकी कलम ने पूरी मार्मिकता से इसे दर्शाया है. माँ को समर्पित इस खूबसूरत रचना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, शरद जी.