A-292 तू तो था Poem by Amrit Pal Singh Gogia

A-292 तू तो था

A-292 तू तो था 23.6.17- 9.05 PM

जब कोई नहीं था तू तो था
माँ की कोख में पिता की सोच में
नौ निहाल में किस्मत बेहाल में
सरगम की ताल में पवन की चाल में
रवि की तपिश में बारिश की दबिश में
शशि की किरण में कस्तूरी हिरन में
हवा की नमी में मेरी कमी में
आँधी तूफ़ान में मन विश्राम में
आनन्द विश्राम में कठिन परिणाम में
रातों के अँधेरे में सुबह के फेरे में

सुहाग की आड़ में रिश्ते दरार में
रिश्ते पवित्र में दुश्मन चरित्र में
मेरे मिठले यार में तेरे मेरे प्यार में
जब कोई नहीं था तू तो था


Poet: Amrit Pal Singh Gogia "Pali"

A-292 तू तो था
Saturday, June 24, 2017
Topic(s) of this poem: god,nature love,respect
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