चल मणिमेषा जो
के लगगीयां जात्रा हो
चल भारमौरा जो
के लगगीयां जात्रा हो
सुपने मा आई राती माता भरमानी
हत्था मंज लेया ठंडा कुफरी रा पानी
हो कर न तू आनाकानी
के लगगीयां जात्रा हो
नौन मनिमेषा रा नेड़े -नेड़े आया
ऐस बारी इने रा मन भी बनाया
ओ कठी इंये न तू रही जायां
के लगगीयां जात्रा हो
दुखा वाले मुक्के दिन सुखा वाले चलने
मना मा जो चाया ओ सब कुछ मिलने
ओ फुल किस्मत वाले खिलने
के लगगीयां जात्रा हो
चल मणिमेषा जो
के लगगीयां जात्रा हो
चल भारमौरा जो
के लगगीयां जात्रा हो
……milap singh bharmouri
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