साल गया, एक बार फिर से, दिवाली आई
माँ ने बनाई, त्यौहार पर पकवान, मिठाई
जब जब उठाई चिमटा, कड़छी या कड़ाही
बेटा घर नहीं पर्व पर, अतिशः याद सताई
संग होता वह भी तो कितना अच्छा होता
सोच रही टंगी तस्वीर पर टकी लगाई
घर होता, खुश हो हो खाता, दीप जलाता
याद में डूबी, बैठी घर में अश्रु बहाई
पुत्र डटा सीमा पर, हम मना रहे त्यौहार!
भारत माँ सर्वोपरि, मन को फिर समझाई
एस० डी० तिवारी
Diwali comes every year once and fills our hearts and minds in happiness with deep emotion. Sweets give sweetness to all. Fantastic and memorable poem.10
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बेहद भावपूर्ण कविता. पुत्र सीमा पर तैनात है देश की रक्षा के निमित्त. माँ तरह तरह के विचारों में खोयी है. बहुत मधुर व सुंदर. 'टकटकी' के स्थान पर 'टकी' लिखा गया है. अतः edit कर के सुधार लें. धन्यवाद.