जब जब वो मेरे सपने में आती है।
तब तब मेरी नींद जाने क्यों उड़ जाती है।
सपने से गर निकलूं तो मन खाली सा लगता है।
अपना ही हर लब्ज़ सवाली सा लगता है।
ज़रा सा बेचैन होकर जब आँखे बंद करता हूँ।
न जाने क्यों उसकी मुस्कुराती तस्वीर उभर आती है।
जब जब वो मेरे सपने में आती है।
तब तब मेरी नींद जाने क्यों उड़ जाती है।
जब जब देखा है उनको करीब से।
सोचा है मिलेगी मुझे वो नसीब से।
पर इस इश्क़ के है नखरे अजीब से।
हँसती भी नहीं हैं जो गुजरें करीब से।
इंतज़ार में हैं मेरे दोनों नैना गरीब से।
उनकी ये अदा मुझे बड़ा सताती है।
आ जाइये क्यों इस दिल को इतना तड़पाती हैं।
जब जब वो मेरे सपने में आती है।
तब तब मेरी नींद जाने क्यों उड़ जाती है।।
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your feelings about your dream girl is nice, a good lyric with intense passion, thanks for sharing