Anubha jain Poems

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ये कहती है, छु सकती है आसमान
पंख इसे फ़ैलाने दो,
पिंजरे में कैद न रखो,
जमीन से ऊपर पाओं उठाने दो,
...

2.
ये ज़िन्दगी इतनी सी

ये ज़िन्दगी इतनी सी,
एक कहानी जितनी सी,

हंसते मुस्कुराते कुछ पल,
...

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