MANINDER SINGH Poems

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आँखों से तेरी छलकता है इश्क,
बन गीत लब पर थिरकता है इश्क,

काली घटा सी जुल्फें है तेरी ये,
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आँखों से वो गुस्ताखियां करने लगा,
हर बात वो दिल की, नज़र से पढ़ने लगा,

पहला मिलन है आज उस से यूँ मेरा,
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देखो सभी, तेवर बदलने लगे नोट,
खुद ही जेबो से अब निकलने लगे नोट,

था रुपया, कब से तिजौरी में ही बंद,
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