रास्ता बना दिया है! Poem by Shubham Praveen

रास्ता बना दिया है!

Rating: 4.5

कुछ टूटे सपनो को बटोर कर
हमने मील का पत्थर बना दिया,
जूग्न्यूवो को इककटता कर कुछ रोशनी की,
सन्नाटो मे आवाज़ भर झींगुरो को शांत किया
समझाया उन सवालो को रोज़ चैन को लूटते थे
और तगड़े तजुर्बो को चुन कर चौकीदार बना दिया..

पत्थर और काँटे पड़े थे बहुत,
कुछ हांतो मे चुबहे कुछ घाव कर गये
सालों से जो पड़े थे मगर सब किनारे हो गये
फिर कुछ उदास यादें और पल उठा कर
खूब उबाला, उसमे कुछ दर्द डाले और
फिर मिलाया धोका, उस काले घोल को
खूब मिलाया और बिछा दिया..
उसपर चलाया अच्छी यादो का बुलडोज़ेर
कुछ पास थी कुछ उधार ली..
अब तकलीफ़ ना होगी जाने मे
उस जगह जहाँ बस प्यार है,
रोशनी है, और है भरपूर खुशियाँ

रास्ता बना दिया है!

Sunday, September 13, 2015
Topic(s) of this poem: happiness,hindi,lessons of life,life,motivation,struggle
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success