ये दिन यूँही हमेशा आता रहे Poem by Ahatisham Alam

ये दिन यूँही हमेशा आता रहे

ये दिन यूँही हमेशा आता रहे
कोई तुम्हे प्यार से सताता रहे
तुम्हारे जन्मदिन की महफ़िल सजाता रहे
तेरी उल्फ़त के नग़्मे सुनाता रहे

मेरे दिल की अब ये दुआ कह रही है
हो मुबारक तुम्हे ये सदा कह रही है

तुझको आँसू मुझसे कभी ना मिलें
फूल खुशियों के ही हमेशा खिलें
राह आसान हो कामयाबियों की
मिट जाएँ तेरी सभी मुश्किलें

हो अकेली कभी तन्हाइयों में जब
याद कर लेना दिल से मुझको तब
सारी खुशियाँ मेरी तुझको मिलें
है दुआ बस यही इस आलम की अब

तेरी चाहत का ही हर संगीत है
हाँ तेरे दम से मेरा हर गीत है
नाम तेरा मैं चाहे कुछ भी रखूँ
तू ख़ुशी है तू ही मेरी रीति है

Sunday, July 24, 2016
Topic(s) of this poem: love
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