शोर - नेहा भंसाली
शोर के बारे में बताएं
तोक्या बताएं
आवाज़ें जो दर्द देती हैं
पर अब सुकून बन चुकी हैं
आदत अब उनकी एक जूनून बन चुकी है
हो सन्नाटा तो हम दर्द से करराहें
शोर के बारे में बताएं
तोक्या बताएं
इस शोर के सायें में जकड के
सांस लेते भी हैं दर के
ऐसा न हो इस आवाज़ के ही
हम मोहताज़ हो जाएं
शोर के बारे में बताएं
तोक्या बताएं
इस शोर के पंजे से निकना
मुश्किल तो बहुत है मगर
हम कोशिस भी जो छोड़ दें
तो खुद को उभारें कैसे
सन्नाटा जो दुश्मन सा लगे अब हमें
उसी में तो खज़ाना है खुद का
कम्बक्त शोर से
पीछा छुड़ायें कैसे
शोर के बारे में बताएं
तोक्या बताएं
तुम दोस्तऔरदुश्मन भी
तुम हो तो ही है जीवन
पर सन्नाटे से भी हम दोस्ती
निभाएं तो ज़रा
तुम से भी कुछ देर विदा लेके
देखें तो ज़रा
तुम्हें फिर बाद मेंमना लेंगे हम
शोर- तुम्हे बताएंतो क्या बताएं
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