है माँ तुमने ये क्या कर दिया Poem by Ambrish Kumar

है माँ तुमने ये क्या कर दिया

माँ तुमने ये क्या कर दिया ।
गौद में ही मौत की नींद सुला दिया ।।

माँ तुम तो पतित पावनी थी ।
फिर क्यों पतितो सा काम कर दिया ।।

माँ तुम से शिव की जटा से निकली थी ।
फिर क्यों उसके ही भक्तो का नाश कर दिया ।।

माँ शिव के सामने जो यमराज न कर पाए कभी ।
तुमने क्यों ऐसा काम कर दिया ।।

माँ तुम्हारी दया से लोगो के घर चूल्हे जलते थे ।
आज तो तुमने लोगो के घरो का दिया बुझा दिया ।।

माँ तुम्हारा पानी तो अमृत होता था ।
आज क्यों तुमने उसे कालकूट बना दिया ।।

माँ आज हरकोई निहारता है तुमको ।
आज तुमने हर आंख में पानी भर दिया ।।

माँ तुमको भागीरथ लाये थे जन कल्याण को ।
आज तुमने उसका तप भी बेकार कर दिया ।।

है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।
है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।।

Thursday, February 16, 2017
Topic(s) of this poem: mother earth
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