गणेश: गजाननः गणनाथ: गणाधिपः।
विघ्नराज: विघ्नहर्ता एकदन्तँ लम्बोदरं।।
विनायक: शँभु सुवनं उमा अँक विराजितं।
विष्णुप्रिया प्रियँ देव, कुरु मे मँगलम् सदा
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem