आज भरे इस महफिल, खुशियों की भरमार है।
द्वितीय वर्षगाँठ जन्म की, उमँग आनँद अपार है।।
बैलून पटाखे चटक रहे, दुधिया उजाला दीख रहा,
चारोंओर शमां रँगीन बनी, इधर-उधर दमक रहा,
सजे रँग-बिरँगे कालीन, मखमली कोमल गुदगुदी,
नन्हें बालक के मचलने-उछलने का ही इँतजार है।
लोग आ रहे, हाथ मिला रहे, भरतीं खचाखच कुर्सियाँ,
करते अभिवादन एक-दूजे का, गूँजतीं हँसती बोलियाँ,
दसन दुतिमय दमक रहे, अधरों पर उभरते मुस्कान,
सबके एक साथ ताली बजाने सुर में छिपा बहार है।
आ गया, अब सामने नन्हा बालक, भोला सुँदर.प्यारा,
आकर सबको चूमता वह, समाँ देख रहा जग सारा,
सुर-सँगीत सुन झूम रहा वह, देख किलकारी भर.रहा,
'नवीन'नव जन्म दिवस 'हैप्पी बर्थ डे यू', सुर सँसार.हैः
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