बृजमोहन स्वामी की एक घातक कविता Poem by Brijmohan swami

बृजमोहन स्वामी की एक घातक कविता

हमारे लिए मरने वाले
सबसे बहादुर लोगों ने
अपने जन्मदिन
रूठी हुई प्रेमिकाओं की तरह
नही मनाये
या किसी दूसरी तरह भी नही मनाये
इस इंतज़ार में कि
हम सबका मत एक होगा,
पर हमारी सीमाओं तक
पहुंचते पहुंचते
विडम्बना इस कदर दम तोड़ गई
कि उन्होंने जो कहा
वह मैंने और आपने नहीं सुना।

मिसेल फोको समेत तमाम लोगों ने
अपने मोम जैसे हाथों से
कागजों पर खून से लिखे
मलाई की तरह बिलोये हुए शब्द
उससे बहुत अलग हमने पढा
या ज्यादा कहें
तो हमें ज़बर्दस्ती पढ़वाया गया
ताकि हम क्लास की सबसे आगे वाली बेंच पर बैठ सकें
और हर महीने हमारे गार्ज़ियन
ऑफिस में अकड़ अकड़ कर
प्रिंसिपल को महानताएं बता सकें।

आज़ादी कैसे मिली
किसको मिली
और कितनी मिली
ये बातें हमारे भीतर जाकर
बिलकुल भिन्न अर्थों में खिलखिलाई और यह आखरी से आखिरी बात
आप मेरे ऊपर थोपेंगे
कि मैंने कहा है।

ठीक इसी तरह
उन खून से भी लाल दस्तखतों
और इतिहास में दी गई
सबसे सफेद गवाहियों को
नही समझा हमने,
इसके बाद
चाय पीकर
उपनिषद के ऊपर कप रखे
गाने सुनकर
बाइबिल पर इयरफोन रखे
और दुनियां को बताना चाहते हैं
कि
हमने
आज़ादी का मतलब सीख लिया।

A poem By Brijmohan Swami
11/07/2017

बृजमोहन स्वामी की एक घातक कविता
This is a translation of the poem Love Of Awayav by Brijmohan swami
Wednesday, July 12, 2017
Topic(s) of this poem: loneliness,love and dreams,revolutionary
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Revolutionary poem By brijmohan Swami
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