गोरखपुर की राजनीति Poem by Shipra singh (ships)

गोरखपुर की राजनीति

नेताओं का एक पर्दा है,
भ्रष्टाचार से यह गर्दा है|
इलेक्शन का टाइम क्या है नेता से ज्यादा लोग परेशान हो जाते हैं,
5 साल क्या बीता वोट के लिए लोग लाइन में लग जाते हैं|

जब नेता आती है तो साफ होता है गोरखपुर का झाला,
पेंटरो ने कसर न छोड़ी चकाचक हो गया धर्मशाला|
सुंदर है गोरखपुर और अंबेडकर पार्क,
नेताओं का काला धन हो गया है ब्लैक से डार्क|

कुछ नेता बनाना चाहती हैं पिछड़ी के लिए आवास,
तुम मोदी सरकार कहती है सबका साथ, सबका विकास|
लखपति अंबानी जी कहती है मेरे पास एटीएम का घर है,
मोदी बोले मेरे पास सवा करोड़ देशवासियों का साथ है, मुझे क्या डर है!

आशा करते है भारत जनता नेताओं को माफ कर दे,
और केजरीवाल की सरकार अपनी झाड़ू से पूरे देश को साफ न कर दे|
कुछ नीता कहती हैं वोट नहीं दोगे आई विल कील,
विकास की गाड़ी रुक गई सपा की चल गई साइकिल|

साइकिल कहती है इलेक्शन आया स्पीड बढ़ाओ,
मोदी सरकार का पहला नारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ|
कई आलू है तू कहीं भालू है,
वही हमारे विकास के लिए हमारे लालू है|

भूल जाओ अपना काल और पाताल,
देखो जानो इंदिरा बाल बिहार और रामगढ़ ताल|
विष्णु मंदिर एक रंग है माटी का
श्री राधा कृष्ण की नतमस्तक है गीता वाटिका|

गूंगी बहरी राजनीतिक दल है,
फिर भी कहती है अच्छा आज नहीं अच्छा कल है|
बी आर अंबेडकर का कहना था संविधान लचीला है,
राजनेताओं का कहना है यह तो बस एक रामलीला है|
सुनीता विलियम को नाम कमाना था -चांद पर जाना था|
नेताओं को जनता के बीच केवल महफिल जमाना था|

Saturday, February 2, 2019
Topic(s) of this poem: politics
COMMENTS OF THE POEM
Kavya singh 19 April 2019

it was cheerful and really a wonderful poem dI.

2 0 Reply
snehal singh 19 April 2019

Di this are wonderful poems and waiting for your new poems.........one of your ideal.

2 0 Reply
Me Poet Yeps Poet 04 March 2019

PLEASE DO GIVE ENGLISH VERSION PH IS MOSTLY ENGLISH THEN MORE WILL READ YE POETESS YOUNG ONE ' HAVE YOU READ MY MOM'S SMILES KINDLY DO

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