भारतीय सियासत के बदलते समीकरण Poem by Ashish Painuly

भारतीय सियासत के बदलते समीकरण

Rating: 4.5

अच्छे दिन का तो पता नहीं, पर कुछ समीकरण बदल रहे है
राष्ट्रपिता के हत्यारे को देश भक्त कहने वाले संत संसद में बैठे हैं,
कभी संविधान को ही होलीबुक कहने वाले अब
गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ बना रहे है।

इंसानों की तो औकात क्या है, ताजमहल का भी धर्म
परिवर्तन हो रहा है।
काले धन को छोड़ अब मंदिर का सपना दिखाया जा रहा है
कश्मीर में 370 का राजनीतिक स्टंट शायद काम न आये
पर दिल्ली में रामज़ादे, हरामज़ादे जैसे शब्द संसदीय शब्दकोश
का हिस्सा बन रहे हैं।

विकास के नये बक्से से हिन्दुत्व की पुरानी किताबे निकल
रही हैं।
वंशवाद की जड़ें हिली हैं, नितीश-लालू-मुलायम की राहें
मिल रही हैं
पर मैदान-ऐ-जंग में 'सेक्यलर' ध्रुवीकरण चल रहे हैं
अच्छे दिन का तो पता नहीं पर समीकरण बदल रहे हैं।

सत्ता में मौन रहने वाले विपक्ष में आकर चिल्लाने लगे हैं
साठ साल राज करने वाले छ: महीने का हिसाब मांगने लगे हैं
वंशवाद के जनक रहे जो, भ्रष्टाचार की गंगा के गौमुख जो,
यू टर्न सरकार का राग अब सुना रहे हैं।
वाड्रा को खैरात बांटने वाले, अब अडानी की परतें खोल रहे
है।

कांग्रेस का अस्तित्व और राहुल का करियर अब खत्म
होता दिख रहा है
भाजपा के पास भी न उम्मीदवार है न उपलब्धि, बस
मोदी का नाम बिक रहा है
इसी तरह हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब झारखण्ड कब्जायेंगे
वंशवाद पर चोट असर करी तो घाटी में भी कमल खिलायेंगे
संतों के राम और मोदी का नाम आम आदमी को भी हरायेंगे।

इस तरह भारत के मानचित्र पर कमल का फूल खिल रहा है,
हाथ के पंजे से मुक्त होकर फिर आज़ाद भारत हो रहा है,
मोदी लहर से बचने को अब विरोधियों के स्वर भी मिल रहे हैं
अच्छे दिन का तो पता नहीं, पर कुछ समीकरण बदल रहे हैं।

उगते सूरज को मैं भी सलाम करता हूँ
कुछ मुक्तक देश की सियासत के नाम करता हूँ।

Monday, December 15, 2014
Topic(s) of this poem: Politics
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
this poem is written by me recently when I was very much moved by the transformations in society: some positive some negative, since the new government is formed.
COMMENTS OF THE POEM
Ashish Painuly 10 January 2016

Thanks a lot for ur precious words @Abhilasha Bhatt

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Abhilasha Bhatt 10 January 2016

This poem is really a best one.....reality of our country's political behavior which is a serious issue...thanx for heightening and sharing this poem :)

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Ashish Painuly

Ashish Painuly

Tehri, Uttarakhand
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