A Flower Poem by Adish Jain

A Flower

Rating: 5.0


फूल जब तक होता है डाली पर, उस डाली को सजाता है।
जो भी देखता है, उसके दिल में एक अजीब-सा सुकूँ लाता है।।
जो भी आता है पास, उसको अपनी खुशबू से महकाता है।
जब तोड़ लेता है कोई, किसी और की सुन्दरता बन जाता है।।
जब लबों से न कह पाये, तो प्यार का इज़हार बन जाता है।
मुरझाकर किताबों में, किसी के प्यार की निशानी बन जाता है।।

काश हम इस बेजुबाँ, मासूम से कुछ सीख पाते।
मरने के बाद न सही, जीते जी किसी का जीवन महका पाते।।

COMMENTS OF THE POEM
Adish Jain 08 July 2013

Thanks Gajanan for your appreciation..

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Gajanan Mishra 04 July 2013

jite ji kisika jiban makaka de, wonderful, my dear poet, thanks. go on go on. I invite you to read my poems and comment.

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