Barish Ka Paani (Hindi) बारिश का पानी Poem by S.D. TIWARI

Barish Ka Paani (Hindi) बारिश का पानी

Rating: 5.0

चाहा रुक जाये, बारिश का पानी।
बहता ही जाये, बारिश का पानी।
अपने ही मन का, रिमझिम वो बरसा
मन लुभाया बड़ा, बारिश का पानी।
तर कर गया, मुझे, भिगो कर गया,
पर रोके ना रुका, बारिश का पानी।
शोर करता हुआ, जोर भरता हुआ
दरिया को चला, बारिश का पानी।
हम देखते रहे, मन मसोसते रहे
मगर बहता गया, बारिश का पानी।
बरसता है प्यार, ना रुकता है प्यार
है जैसे बरसता, बारिश का पानी।
रख लेना बड़ा, करके दिल का घड़ा
काम आएगा पड़ा, बारिश का पानी।

- एस० डी० तिवारी

Saturday, September 10, 2016
Topic(s) of this poem: happy,hindi,rain
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 10 September 2016

एक बेहतरीन कविता जिसमें बहुत से मनोभाव सुंदरता से उकेरे गए हैं. मुझे अच्छी लगी. धन्यवाद, तिवारी जी.

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