स्वर्ग और नर्क का राज समझ आता नहीं।
यह पहेली मुझसे सुलझ पाता नहीं।
मैं जब कहता हुँ कि इसी दुनिया में दोनों का वास है।
फिर क्यों कहते हैं पागल मुझे और करते हैं उपहास हैं
कहीं किसी की रोज़ी रोटी का यह बात है
क्या किसी की पेट पर कहीं एक मेरी वात है
क्यों ये बात जो इतना साफ़ है वो समझ पाते नहीं
क्या ये सच नहीं ज्ञान का उजाला कुछ लोगों से छुपाया गया
अगर तोड़ा कोई इस नियम को उसको तड़पाया गया
ये सब हुआ उस धर्म के नाम पर
जिसमें सबको एक खुदा के बंदे बतलाया गया
इतिहास गवाह है कुछ लोगों के जान भी गँवाना पडंा
धर्म के नाम पडं न जाने कितने सितम खाना पडंा
कैसे सह रहे हैं लोग आजतक मुझको समझ आता नहीं
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