छोटा जीवन
सपने बड़े बड़े
कैसे पूरे हों
छोटा सपना
जीवन की लम्बाई
बड़ी हो जाती
वृक्ष दे जाता
जीते जी फल फूल
मरे लकड़ी
तुम्हारी मस्ती
जलाये जा रही है
तुम्हारी बस्ती
पुष्प गुलाब
सिर से कट कर
सिर पर ही
तीव्र विकास
जीवन की समाप्ति
तीव्र गति से
वृक्ष दे देते
जीते जी फल फूल
मरे लकड़ी
लिए जा रही
कंकड़ों की सड़क
कंकड़ों में ही
बड़ा पंडाल
कोने में छोटा तम्बू
नशे में डूबा
महानगर
जमीन भरी भरी
नभ में घर
पैसे देकर
घर के दायें बाएं
स्पीड ब्रेकर
खुला पड़ा है
बोतल का ढक्कन
हवा पी रही
बड़ी जगह
बड़े लोग घुसते
छोटे गेट से
इंतजार में
नाले का खुला मुह
दुर्घटना के
और लोग भी
बीच में जग जाएँ
बूढ़ों की खांसी
कीट नाशक
छिड़काव के बाद
झूमते कीट
नाक दबाये
बगल से निकले
कचरा घर
रूला भी देती
अपने हत्यारे को
कटती प्याज
कैंसे आ जाते
उनके हाइकू में
मेरे विचार
चोट लगे तो
टूटती हड्डियां हैं
लोहा खून में
प्रातःकी बेला
बच्चों की पीठ पर
बस्ते का बोझ
भोर होते ही
गाय रम्भाने लगी
दूध तैयार
प्रातः सुदूर
ऊपर को उठता
आग का गोला
आज सुबह
सूरज नहीं उगा
घने बादल
खिलखिलाते
गुड़हल के फूल
किरणे देख
होते सवेरा
पक्षी भी उड़ चले
छोड़ बसेरा
एक उंगली
सामने की और तो
तीन अपनी
उंगली
सामने की और तो
तीन अपनी
जिसकी चाह
सबसे न्यूनतम
बड़ा वही है
मरू के जैसा
विरहन का मन
जल की प्यास
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