मैं दीवानी हुई, पी की रानी हुई,
मो से मन की कही ना - कही जाए आज,
खुदको समझाया जाए ना, उनसे कहा भी जाए ना,
बोलूं तो बोलूं क्या बोलूं जी आज,
मैं तो अलबेली, दीवानी, पगली सी नार,
उनसे नैना लडे रे - लडे रे हमार,
खेलें वो हर पल हमसे, जोरा ज़ोरी करें,
पल भी ना छोड़े - ना छोड़े, रे साथ,
पलकें भारीं हैं जी – भारीं, निंदिया से आज,
पलकें भारीं हैं - भारीं जी भारीं हैं आज,
नैना बोझिल हैं मोरे - मोरे जी आज,
अब तो छोड़ो - रे - छोड़ो, रे छोड़ो जी हाथ,
ना मरोरो कलाई, सैयां जी आज,
सवेरे करनें हैं - करनें हैं - करनें हैं काज,
सांझ कल भी तो आएगी - कल भी तो आएगी रात, समझो जी - समझो जी - समझो जी बात,
मन की कर लेना - कर लेना - कर लेना जी कल, बस छोड़ो जी - छोड़ो जी - छोड़ो जी आज,
मैं दीवानी- दीवानी, हुई जा रही,
मो को थमने का मौका दो, मौका दो आज,
मैं दीवानी हुई, पी की रानी हुई,
मो से मन की कही ना - कही, जाए आज..............
निर्वान बब्बर
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