Youth Poem by Anjum Firdausi

Youth

अये नौजवा । तु है कहाॅ।।
रब ने तेरे लिए । है बनाया जहाॅ।।

है तेरी ये ज़मी , है तेरा आसमा।
अये नौजवा ।।।।।।।। तु है कहाॅ।।

सब्र से काम ले , हक़ को हक़ जान ले।
क्या सही क्या ग़लत , उसको पहचान ले।

अपनी परवाज़ पे रख तु अपनी नज़र।
ख़ुद को ऐसा बना, ख़ुश हो हर एक बशर।

अये नौजवा ।।।।तु है कहाॅ।
रब ने तेरे लिए ।। है बनाया जहाॅ।

मुल्क की शान बन, इसकी आवाज़ बन।।
हर सू इज्ज़त मिले , ऐसा इंसान बन।।

खौफो दहशत का माहोल बनने न दे।
कोई लड़ना भी चाहे , तो लड़ने न दे।

है अमन का सबक़ , इसको तु याद रख।
तुझसे है सरज़मी , इसको आबाद रख।

अये नौजवाॅ ।।।।।।।।तु है कहाॅ।
रब ने तेरे लिए ।।। है बनाया जहाॅ।

रचना&लेख: -अंजुम फिरदौसी
Anjum Firdausi
(Block: -Alinagar, Darbhanga, Bihar)

Youth
Wednesday, January 18, 2017
Topic(s) of this poem: nazm
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Anjum Firdausi

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Alinagar, Darbhanga
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