Ritesh Mishra Poems

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1.
पतझर प्यार् के मौसम का

गुल खिला बहुत मोहब्बत के मगर, प्यार् की गहरायी न माप सका

जिन्दगी गा गा कर थक गया प्यार् के नगमे बहुत, पर प्यार् की कलायी न छू सका
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2.
Jindagi Kya Hai?

जिंदगी न प्यार है, न गम की दरिया
न कश्ती नदी की, न पतवार ही कश्ती की
न बेबस किसी बस्ती की, न शृंगार किसी हस्ती की
न आज़ाद इस गगन मे, न ही किसी बंधन मे
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3.
Rang Hai Jeevan Ki

4.

काश दिल दिल का शायरी करता
मगर धरती नाचती और आकाश नचाता
महज एक रात की बात है,
कबूतर एक प्रेमी से कहा क्या हुआ तेरा,
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5.
Dil Ki Awaaj

दिल तो दिल की धरकन सुनता, कोई प्यार नहीं इकरार करता

ये समा हमारे दिल की दर पर, रोज साम जला करता
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