Jindagi Kya Hai? Poem by Ritesh Mishra

Jindagi Kya Hai?

Rating: 5.0

जिंदगी न प्यार है, न गम की दरिया
न कश्ती नदी की, न पतवार ही कश्ती की
न बेबस किसी बस्ती की, न शृंगार किसी हस्ती की
न आज़ाद इस गगन मे, न ही किसी बंधन मे
ये न कोई प्रेम पत्र, नहीं सम्मन किसी कोर्ट की
न जीने की खुसी, न मौत का गम
न किसी प्रश्न का उत्तर, न कोई प्रश्न

Jindagi Kya Hai?
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 18 March 2015

यह एक निराश हृदय की कलात्मक अभिव्यक्ति है. किंतु इस घोर निराशा में भी उम्मीद का दिया जला कर रखना जरूरी है, मित्र. आपकी इस रचना से प्रेरित हो कर कुछ कहना चाहता हूँ. आशा है पसंद आयेगा: ज़िंदगी भटकन भले हो मंज़िलों की तलाश कर कश्तियाँ गर खो गई तो साहिलों की तलाश कर इस तरह मजबूर हो कर छोड़ न हर्फ़े - उम्मीद रास्तों को ढूँढ अपने काफिलों की तलाश कर

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Sitamarhi (Bihar)
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