Ajay Srivastava Poems

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111.
Happy New Year

Have a thought on your past.
Assess and try to see all your action.
Put up some wrong action in your front.
Please keep in mind how to rectify wrong action.
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112.
ਗੁਰੂਓ ਤੇ ਸੰਤੋ

ਗੁਰੂਓ ਤੇ ਸੰਤੋ ਦੀ ਸੰਗਤ
ਰੂਹ ਨੂੰ ਸੁਕੂਨ ਵਾਸਤੇ

ਗੋਵਿੰਦ ਨਾਮ ਰਬ ਦਾ
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113.
ਲੋਹੜੀ

ਗੁੱਸੇ ਤੇ ਗੰਦਗੀ ਨੂੰ ਅੱਗ ਵਿਚ ਸੁਟੋ
ਖੁਸ਼ੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਤੇ ਫਸਲੋ ਨਾਲ
ਉਸਲੋ ਵਰਗੇ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਭੰਗੜਾ
ਧਨ ਦੀ - ਰਬੜੀ ਤੇ ਗਾਜਕ ਸਾਰੀ ਸੰਗਤ ਨੂੰ
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मन से कुविचार का स्नान|
कर्म मे सुविचार की अनुभूति|
रंगने की चाहत है अनुभूति को|
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115.
सुरो का-सार

साथ है अभ्यास का
रेन बसेरा है शब्दो का
गति है ध्वनी की
माध्यम है भावो को व्यक्त करने का
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116.
सम्बन्धों में बहार

मन के मैल का त्याग।
माना की अपनाना सरल नहीं है।
माना की कठिन है।
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117.
सच्चा भारतवासी

हकीकत के धरातल पर रहते है, अनुभवो से सीखने की कोशिश करते है।
हम तो हर रोज सच से टकराने का प्रयास करते है।

संतोष की छाया में आराम कर।
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118.
ढूढ़ना है।

हर रोज शाम देने आती है।
थोड़ा सा आराम दे जाती है।
कह कर जाती है तैयार रहने को।
फिर से कर्म करने को।
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119.
तरसता - भारतवर्ष

आवाज उठती है, चिंगारी बनती है।
सामूहिक आवाज बन जाती है, असर होता है।
निमंत्रण मिलता है बात चीत का माहौल बनता है।
विचारो का आदान प्रदान होता है, सहमति की और कदम बढ़ते है।
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120.
है ईश्वर क्या करू

कभी परिस्थिति रोकती है।
कभी वातावरण रोक देता है।
तो कभी असफलता सामने आती है।
तो कभी भेदभाव आड़े आ जाता है।
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