पक्ष विकास की बात कर रहा है।
विपक्ष काले धन की वापसी की बात कर रहा है।
प्रचार तंत्र सामाजिक और आर्धिक समस्याओं को उजागर करने की कोशिस कर रहा है ।
नारी अपनी अधिकारों के लिए सजग हो रही है ।
जन साधरण परिवर्तन की आशा कर रहा है।
केसा लग रहा है - कुछ तो सही लग रहा है ।
भले ही हकीकत के धरातल से दूर है ।
सब कमियों को दूर करने की बात कर रहे है।
किस को कितनी ख़ुशी मिल रही रही है ।
मुझे नहीं पता यह तो आपको पता लग रहा होगा पता ।
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