हाँ हुँ में स्वार्थी ।
नहीं मिलनी हाँ में हाँ ।
केवल और केवल मेरे हित की बात।
किसी और का भला तो बिलकुल भी नहीं ।
कोई भी नैतिकता पर उपदेश नहीं सुनना ।
आजादी और आजादी जो में चाहु वो करने की।
किसी नियम की कोई दुहाई नहीं सुननी ।
क्यों की मुझे नहीं बनना साधारण नागरिक ।
मुझे बनाना विशेष नागरिक सब कुछ गैर क़ानूनी करने का प्रमाण पत्र ।
कब दिलवा रहे हो विशेष नागरिक होने का प्रमाण पत्र ।
आज के माहौल पर एक प्रभावशाली कटाक्ष. नैतिकता, नियम कानून का अनुपालन तो साधारण व्यक्तियों के लिए रह गया है, वीआईपी लोगों के लिए नहीं. एक अच्छी कविता के लिए धन्यवाद.
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Verily, the extraordinary whom we call are the one who have the certificate of all wrong doings...10