शुभ दीपावली Poem by Ajay Srivastava

शुभ दीपावली

दीप से दीप जलाओ।
दिल से दिल मिलाओ।
शांति की लो जगाओ।
अहिंसा को दूर भगाओ।
सुविचार का स्वागत करो।
ईर्ष्या का त्याग करो।
प्यार की रंगोली सजाओ।
रोशनकर दो वातावरण।
खुशिया स्वय आ जायगी।
कह उठेंगी शुभ दीपावली।

शुभ दीपावली
Saturday, November 14, 2015
Topic(s) of this poem: festival of light
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