दीवाले संग गठबंधन कर आई है इस बार दीवाली.
लील गई दीया और बाती तन की उजली मन कि काली.
कैसे दे दूँ उसके आने पर तुमको मैं बन्धु बधाई.
अँधियारे संग लिप्त गई जो रास रचाती हरजाई.
घोर दुपहरी कमर हिलाती छम-छम रजनी काली.
दिवाले संग गठबंधन कर आई है...........
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इस गीत में नयापन है. अभिव्यक्ति की मधुरता मन को बाँध लेती है. दीपावली में मन की टीस छुप नहीं पाती. धन्यवाद, मित्र.