श्रमदेव तुम्हारी जय हो,
श्रमदेव तुम्हारी जय हो,
छल-प्रपंच की इस दुनिया में,
श्रम की सदा विजय हो.
श्रम सार्थक सत्य अभय हो.
श्रमदेव तुम्हारी जय हो.............
खून-पसीना एक करें सब.
दुनिया श्रमजीवीमय हो.
आलस्य भगे दुःख की क्षय हो.
श्रमदेव तुम्हारी जय हो..............
उ.सिं 'सुमन'
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