शब्द - का विकास Poem by Ajay Srivastava

शब्द - का विकास

वही बनाते है|
वही बिगडते है|
वही पहचान दिलाते है|
वही रचते भी है|

उन्ही से संवाद है|
उन्ही से प्यार है|
उन्ही से शतञुता है|
उन्ही से शिक्षा है|

शब्दो से भाषा है|
भाषा से संवाद है|
संवाद की मधुरता से प्यार है|
प्यार शतञुता को नष्ट करता है|

शब्दो से शब्दमाला
शब्दमाला से शब्द सग्रह
शब्द सग्रह से ग्रंथौ की रचना
ग्रंथौ की रचना से मानवता
आर्थिक, समाजिक व वेग्यनिक का विकास|

शब्द - का विकास
Saturday, January 2, 2016
Topic(s) of this poem: words
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