तोहार रूपवा बा नशीला शराब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.
तोहरी अदा पर मचल ता-ता थईया.
बड़े-बड़े योगी-मुनी भइलंय कन्हईया.
जान मारेला तोहार अंदाज गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.
पावेला शोभा तोहसे सोनवा आ चनियाँ.
तोहरा के पाई धनि भइली हो जवनियाँ.
तोहार हउवे ना कवनो जबाब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.
कजरारी अँखिया में सागर समाइलबा.
कारी घटा केशिया क घिरि-घिरि आइलबा.
चमके मुखड़ा तोहार जिसे आफ़ताब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.
रूपवा क तोहरे दीवाना भइलीं दुनियाँ.
लूट्य ले चयन तोहरे नकिया क नथूनियाँ.
तोहसे शोभेला सारा साज-बाज गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.
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Jitna samajh aya utna mujhe bahut accha lga...a poem full with simplicity and beauty.....thank u for sharing :)