लाजवाब गोरी ना (भोजपुरी) Poem by Upendra Singh 'suman'

लाजवाब गोरी ना (भोजपुरी)

तोहार रूपवा बा नशीला शराब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.

तोहरी अदा पर मचल ता-ता थईया.
बड़े-बड़े योगी-मुनी भइलंय कन्हईया.
जान मारेला तोहार अंदाज गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.

पावेला शोभा तोहसे सोनवा आ चनियाँ.
तोहरा के पाई धनि भइली हो जवनियाँ.
तोहार हउवे ना कवनो जबाब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.

कजरारी अँखिया में सागर समाइलबा.
कारी घटा केशिया क घिरि-घिरि आइलबा.
चमके मुखड़ा तोहार जिसे आफ़ताब गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.

रूपवा क तोहरे दीवाना भइलीं दुनियाँ.
लूट्य ले चयन तोहरे नकिया क नथूनियाँ.
तोहसे शोभेला सारा साज-बाज गोरी ना.
तूं त हऊ बेमिशाल लाजवाब गोरी ना.

Thursday, January 21, 2016
Topic(s) of this poem: beauty
COMMENTS OF THE POEM
Abhilasha Bhatt 21 January 2016

Jitna samajh aya utna mujhe bahut accha lga...a poem full with simplicity and beauty.....thank u for sharing :)

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