'लंका की लाडी'
तुम हो प्रेमी तुम हमारा
सपना रहता है अधूरा
अब तो सम्हालो हमारी धुरा
कैसे होगा जीवन पूरा?
आपही से ही है मेरा सौदर्य
इस से चमकता है आपका भी ऐश्वर्य
यही है बात गौरव मेह्सूस करने के लिए
आप ही तो मेरे लिए है, जीवन में रंग भरनेके लिए
हम ने चाहा था आहें भरना
पर आपने मान लिया कहना
यही से होता है सम्बन्ध "शमा ओर परवाने का"
सौगंध लेकर एक दुसरेके लिए हामी भरने का
हम कभी इक दूसरे से नही होंगे अलग
आलापें गे नहीं अलग से अपना राग
अब तो हम ही होंगे आपके चाँद की चांदनी
कहलायेंगे दिल की रानी ओर और सामराघ्नि
मने मे थी उधेहबून ओर अडचन
आपने अभी तक नहीं किया था चयन
हम नहीं ठीक से करपाते थे शयन
मन में ङर था आप कहीं ना हो जाओ पलायन
हम ने विनती की थी प्रभु से
इसलिये शुक्रगुजार किया सही मन से
मन चाहा वर मिला, साथ में बँगला और गाडी
अब तो हम भी कहलायेंगे 'लंका की लाडी'
हम ने विनती की थी प्रभु से इसलिये शुक्रगुजार किया सही मन से मन चाहा वर मिला, साथ में बँगला और गाडी अब तो हम भी कहलायेंगे लंका की लाडी
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