कुछ नहीं Poem by Ajay Srivastava

कुछ नहीं

साधरण जन मानस की समस्याओ पर ध्यान आकर्षित करवाना है।
प्रत्येक गलत कार्य का विरोध करने के लिए प्रेरित करना है
सही व गलत का अहसास करवाना है।
हर दिल में देश के लिए प्रेम को जाग्रत करना है।

गांव गांव शिक्षा को पहुचाना है।
गांव गांव घर घर ऊर्जा को पहुचना है।
शहर शहर को गांव गांव से जुड़वाना है।
हर जान मानस तक हर कानून का ज्ञान करवाना है।

करना कुछ नहीं है।
थोड़ा सा जान मानस को जाग्रत करने का प्रयास करना है।
बस इतनी सी चाहत है।
बस इतना सा स्वपन है।

करना कुछ नहीं है, थोड़ा सा स्वपन को वास्तविकता के पास लाना है।

कुछ नहीं
Tuesday, October 4, 2016
Topic(s) of this poem: ideology
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