मीठा-सा दर्द
गुरूवार, १९ नवंबर २०२०
दर्द तो था पर लगा मीठा-सा
मधुबन के जत्थे से पाया अमृत-सा
गले से नीचे जाए तो लगे चरणामृत
वरना हमेशा रहे प्रेरणास्रोत।
दर्द को मैंने महसूस किया
उसका एहसास भी आ गया
पर दिल में टीस नहीं उठी
आत्मा अंदर से सराह उठी।
में नहीं मिल सका तो क्या हुआ?
में उसके भाग्यथा तो क्या हुआ?
वो आत्मा से मुजे मिली हुई थी
अपना हर सुख दे चुकी थी।
प्यार का दर्द मीठा होता है
उसे पाना स्वर्ग का मिलना होता है
यदि नहीं मिल पाया तो हार नहीं होती
दुःख-दर्द का एहसास भी नहीं देती।
तो दर्द अपनी जगहपर है
प्यार अपनी सतहपर है
पर उस से ऊपर मनका झुकाव होता है
जो हमेशा आदमीका अंदरूनी छिपा हुआ नकाब होता है
डॉ. जाडीआ हसमुख
Poem: 59622442 - मीठा-सा दर्द Member: Kumarmani Mahakul Comment: प्यार का दर्द मीठा होता है उसे पाना स्वर्ग का मिलना होता है यदि नहीं मिल पाया तो हार नहीं होती दुःख-दर्द का एहसास भी नहीं देती।.....so touching and true. I love these lines too. A beautiful poem is amazingly penned. Five stars. This is to My Poem List.
प्यार का दर्द मीठा होता है उसे पाना स्वर्ग का मिलना होता है यदि नहीं मिल पाया तो हार नहीं होती दुःख-दर्द का एहसास भी नहीं देती।.....so touching and true. I love these lines too. A beautiful poem is amazingly penned. Five stars. This is to My Poem List.
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प्यार का दर्द मीठा होता है उसे पाना स्वर्ग का मिलना होता है यदि नहीं मिल पाया तो हार नहीं होती दुःख-दर्द का एहसास भी नहीं देती।.....so touching and true. I love these lines too. A beautiful poem is amazingly penned. Five stars. This is to My Poem List.
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पर उस से ऊपर मनका झुकाव होता है जो हमेशा आदमीका अंदरूनी छिपा हुआ नकाब होता है डॉ. जाडीआ हसमुख