प्रेस Poem by Ajay Srivastava

प्रेस

जनता के कल्याण के लिए प्राथमिकता।
लोक शिकायत एवं निवारण सुर्खियों में हो।
ऊर्जा आम जनता के लिए समर्पित हो ।
आत्मा, दृष्टि और दिल नैतिक मूल्य के लिए हो ।
सेवा एवं जागरूकता आदर्श वाक्य हो ।
हा तब हम कहेंगे की यही है प्रेस ।

Monday, May 4, 2015
Topic(s) of this poem: media
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