नए वर्ष का करें अभिनन्दन_2017 Poem by Brajendra Nath Mishra

नए वर्ष का करें अभिनन्दन_2017

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नए वर्ष का करें अभिनन्दन

नए जोश से ओतप्रोत रहे हमारा जीवन,
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन!

कुछ ख़ास मंज़िलें, कुछ ख़ास रास्ते,
कुछ खास कर सकें आप इस जहाँ के वास्ते।
नए मुकाम पर, नए साल का करें वरण।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

जीत अगर सको, तो जीतो दुःख को।
मिटा अगर सके तो, मिटाओ भूख को।
नए वर्ष में उत्कर्ष के तय करें नये चरण।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

हम मना रहे यहां पर नव वर्ष की खुशियां,
और सीमा पर सेनानी झेल रहा है गोलियां
संगीनों के साए में जो तपा रहे तन मन।
उनके लिए भी नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

देश लगा है कतार में, बदलाव की है ये दस्तक।
भ्रष्टाचार पर है आघात, अर्थ क्रांति के लिए सजग।
जयजयकार नहीं हम करते, हम इसे करें नमन।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

स्वच्छ हो देश, शुचिता ब्याप्त हो अंदर बाहर
क्लेश, द्वेष मिट जाएँ, स्नेह सिंचन हो आठों प्रहर।
चमन रहे महफूज हमेशा, गूंजता रहे अज़ान, भजन
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

- ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
तिथि: 31-12-2016.
संप्रति: हैदराबाद में।

POET'S NOTES ABOUT THE POEM
I tried to write this poem at Hyderabad on 31st Dec 2016. While others were enjoying the gazal being sung at Katreya hotel on the eve of New year, I was busy writing this poem on my mobile. After completion, I posted this poem on Facebook at about 11: 00 PM. It was a new experience writing couplets in the sound of music all around.
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