आंसू लिए Aansu Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

आंसू लिए Aansu

आंसू लिए

मेरी व्यथा
नहीं है कोई गाथा
जीवन है आधा
हमारे जीवन की फिर भी आराध्या।

कर देते हो दूध पीती
कैसे सुनाएगी आपबीती?
जननी है आपकी और आप पर मरती
हमेशा आपके लिए दुआ करती।

दर्द तो महसूस करो
आपकी धरती माता को नमन तो करो
क्या बदला लेने को तैयार हो?
माता को चुन्नरी चढ़ाने तैयार हो?

उसी लाल रंग की जिसकी आज वो प्यासी है!
उसके मन में खूब उदासी है।
वो चाहती है उतने ही सर काट के लाया जाय
और बलि के रूप में चढ़ाया जाय।

कहाँ गए माई के लाल?
उसके गले की चेन भी खींच लेते हो
मंगलसूत्र पहनते उसे कंपन सी आ जाती है
दुश्मन से ज्यादा आपका खौफ जताती है।

नहीं है वो सुरक्षित
कैसे बनाएंगे उसे रक्षित?
क्या हमारा कोई दायित्व नहीं?
उसके मातृत्व को दफ़न कर दिया है यहीं।

आपका पतन निश्चित है
हम आपके लिए चिंतित है
बेटी को आपने सम्हालना है
उसको जीवन में जरूर लाना है।

आपको सुरक्षा वो प्रदान करेगी
खुद को सामान्य रखकर आपको महान बनाएगी
'मेरा बच्चा शहीद हो गया देश के लिए '
कोन बिलखेगा आपके पीछे आंसू लिए।

आंसू लिए Aansu
Tuesday, May 2, 2017
Topic(s) of this poem: poem
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welcoem jainam mehta Unlike · Reply · 1 · Just now

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welcome aasha sharma Unlike · Reply · 1 · Just now

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Aasha Sharma Inspiring Unlike · Reply · 1 · 1 hr

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rohit rony kuniyal Unlike · Reply · 1 · 1 min

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welcome balika sengupta Unlike · Reply · 1 · 1 min

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welcome mehul doshi Like · Reply · 1 · Just now

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manish amehta Like · Reply · 1 · Just now

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rohit roy kumiyal Unlike · Reply · 1 · Just now · Edited

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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