देवता हो सकता है
Tuesday, May 1,2018
3: 17 PM
इंसान पत्थर दिल हो सकता है
पर पिगलता जरूर है
उस मे मानवता है
वो चाहे तो देवता हो सकता है।
वो पाषाण हो सकता है
यातना भी दे सकता है
वक्त आनेपर किसीका खून भी कर सकता है
पर पश्याताप होने पर याचना भी कर सकता है
उसके हर पेहलू में सादगी है
हर शब्द में बंदगी भी है
चाहो तो आजमालो
अपने दिल को तसल्ली दो
पाषाण, पाषाण ही रहेगा
वो कभी ना बदलेगा
कितना भी पानी का छीडकाव कर दो
वो सुखकर भी वोही का वोही रहेगा।
जो बदलता नही
वो समझता भी नहीं
जो ना बदले वो स्थिर हीरहता है
जो बदलता है, वो ही इंसान कहलाता है।
हम इंसान ही है
हमें तो बदलना ही है
कइयों की आंसू भी पोछना है
मिलना है और बिछड़ना भी है।
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हम इंसान ही है हमें तो बदलना ही है कइयों की आंसू भी पोछना है मिलना है और बिछड़ना भी है।