दिल एक आशियाना
'दिल एक आशियाना है'
ये सबका मानना है
मानव स्वभाव ही तरल है
पर समझना बहुत ही सरल है। दिल एक आशियाना
चाहते हुए भी कुछ कर नहीं पाते
बिलखते, रोते ओर अपने आपको दुखी पाते
सोचते कुछ ओर करते कुछ ओर
जाना होता है बहुत दूर। दिल एक आशियाना
अपने पीछे छुट जाते है
बहुत कष्ट दे जाते है
हम सहे दिल से माफ़ी मांगना चाहते है
पर समय ने ऐसे मौके नहीं देना है। दिल एक आशियाना
मुझ से ऐसी गलती क्यों हो गयी?
मुंह से ऐसी बात क्यों निकल गयी?
मेरा इरादा बिलकुल दिली चोट पहुंचाना नहीं था
बस वो मेरे मन की बात नहीं समझना चाहता था। दिल एक आशियाना
मेरा दिल द्रवित हो गया
मन में एक कुंठित भाव एहसास करा गया
हम सब एक कच्चे धागे से बंधे है
पर क्या करें समय की पाबन्दी से हम अंधे है। दिल एक आशियाना
समय भले ही निकल चुका है
पर समा वफ़ा का है
कुछ लब्ज़ उन तक पहुँचने ही चाहिए
मेरी मनसा उझागर होनी ही चाहिए। दिल एक आशियाना
कभी कभी न चाहते हुये भी हमसे कुछ ऐसा हो जाता है जिससे संबंधों में परस्पर खटास आ जाती है. लेकिन उन्हें फिर से पटरी पर लाने के लिये ईमानदार कोशिश होती रहनी चाहिये. बहुत सुंदर रचना. चाहते हुए भी कुछ कर नहीं पाते सोचते कुछ ओर करते कुछ ओर कुछ लब्ज़ उन तक पहुँचने ही चाहिए
Dil aur dimag mein shayad ye ek fark hai...dil usse apna leta hai jo dil se baat karta hai aur dimag sirf usko samajhne ki koshish me laga rahta hai...... मेरा दिल द्रवित हो गया मन में एक कुंठित भाव एहसास करा गया हम सब एक कच्चे धागे से बंधे है पर क्या करें समय की पाबन्दी से हम अंधे है। दिल एक आशियाना - Wah wah....100+++
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
समय भले ही निकल चुका है पर समा वफ़ा का है कुछ लब्ज़ उन तक पहुँचने ही चाहिए मेरी मनसा उझागर होनी ही चाहिए। दिल एक आशियाना