दिल को हरदम सताता है
बस एक बार लत लग जाए
फिर कदी होश ना आवे
प्यार की संगत ऐसी
नींद उडा दे वैसी।
प्यार मांगे ज्यादा
और ऊपर से वो हो जाय आमादा
फिर क्या हो विसात किसी की?
जो मना कर दे पियासी की i
में भी हो गयी मोहमग्न
प्यार से भरी मनाने जश्न
जो किसी को भी घायल कर दे
कभी ना कह सके और हामी भर दे।
में मरजावा तेरे ख्याल में
यदि ना देखता लाल रुमाल
तू गुलाब सी महक रही थी
मेरे प्यार में जैसे बहक रही थी
प्यार से बड़ा कोई तोहफा नहीं
जो ठुकरादे वो बेवफा से कम नहीं
में सदा प्यार में डूबा रहूँ
बस समय की चल में दबा रहूँ।
मेरे दिल में इश्क का अंगार
बस बनके उमड़ रहा है बेसुमार
आजाओ तुम मेरे आगोश में
कब तक रहूँ खामोश में
ना मुझे समय का है ख्याल
नाही बस कोई सतावे सवाल
बस तुही तो दिख जाता है
दिल को हरदम सताता है
Hasmukh Mehta welcome Poet A Collinc, Khushwinder Raaj Kaur, Maithili Roy Just now · Unlike · 1
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Hasmukh Mehta welcomerahul, ravi, samjay, harish n neelam Just now · Unlike · 1