हे दुर्गे अंबे जगदम्बे
जग की काली माँ
शरण तुम्हारी आया है
एक भक्त अनोखा माँ ।
ना मांगे चांदी सोना पर
प्यार तुम्हारा माँ
कल्याणी कह दो जग से
हो तुम्हीं हमारी माँ ।
आओ भवानी शिवपटरानी
शेरोंवाली माँ
जग में संकट आन पड़ॆ
हो तुम्ही सहारा माँ ।
अस्त्र-शस्त्र अपने सब लाना
हे रुद्राणी माँ
धरती पर फिर प्रलय मची
नही आकर जाना माँ ।
वैष्नो देवी दिव्य कांति की
झलक दिखाओ माँ
जग में जय-जयकार
पहाड़ा ज्योतांवाली माँ ।
अभय शर्मा 20/21 सितम्बर 2009 1.10 रात्रि
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