बिल्कुल हाजिर है
में चला गोरी के गांव
पर सेहमे सेहमे से है पाँव
वो तो चले गए बिन बताएं
बस थोडा सा प्यार जताए।
हम भी वाकिफ थे उनके ख़्याल से
वो दिख रहे थे रूठे रूठे से
कुछ केहना चाहते थे, पर कह नहीं पाये
लम्बी सी सांसे ली फिर धीरे से चल दिये।
हमने भी सोचा 'मुलाकात कर लेंगे'
उनको भी थोड़ा चेन से बेठने देंगे
अभी चोटगहरी है, धीरे से समल जाएंगे
अपने बारे मे सोचकर जरूर बताएँगे।
हमने तो खयाली पुलाव पकाए
पर बढ़ गयी बहुत सारी चिंताएं
मुझे अब थोडा सा एह्सास होने लगा है
थोड़ा सा अपनापन लगने लगा है
हमने अब ठान ली है
उनको कहने की पूरी तैयारी करली है
में कहूँगा' आप जीवन साथी बनने तैयार है'
बंदा आपके सामने बिल्कुल हाजिर है
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
अब ठान ली है उनको कहने की पूरी तैयारी करली है में कहूँगा आप जीवन साथी बनने तैयार है बंदा आपके सामने बिल्कुल हाजिर है