Jain Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

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जैन

'बीफ टेलो' के मालिक सब जैन
पैसा रोकने वाले जैन
मंदिरो में दान देने वाले जैन
हमारे समाज में उच्च स्थान पर बिराजमान जैन

सिर्फ अटक जैन
हमको अटक लादे ऐसे जैन
नाम के जैन कर्म के अजैन
फिरभी कहलाते दानेश्वरी फकीरचंद जैन

जो करते है वो भुगतेंगे
ऐसे अवतार किसी भाग्यशाली को ही मिलेंगे'
जैन श्रेष्ठ है ऐसा हमने साबित ही नहीं करना
पर करके दिखाना है की अहिंसा ही है हमारी भावना।

मंदिर में दर्शन और पूजा
वो ही है जीवन का तकाजा
साथ में एक और धर्म का प्रण ले लो
अपने एक साधर्मिक को ऊंचा उठानेकी ठान लो।

भले ही आपके काम वखान योग्य नहीं
पर जो जिनालय आपने बनवाये है उसमे भक्त जाते है सही
उनका पुण्य आपके खाते में जमा होता है
जरिया भले ही गलत रहा हो उसका सुखान्त होना आवश्यक है।

नवकार ही हमारा उद्धारक मंत्र है
उसका जाप आपका निवारक स्तोत्र है
वो ही आपका एक स्रोत है
जीवन का सुखद अंत आपके हाथ में है।

आज हम जैनियों का दुसरा रूप देख रहें है
फिर भी धरम का स्थान ज्योंका त्यों है
कितने श्रावक श्राविकाएं दीक्षा अंगीकार कर रही है
धर्म का प्रचलन आज भी प्रवर्तमान है

यह धर्म का अनुशाशन है
जिस का लक्ष्य जैनशाशन है
बाकी धर्म अपने आप लड़के नष्ट हो रहे है
अपनी धार्मिक सहनशक्ति को बर्बाद कर रहे है।

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Friday, July 14, 2017
Topic(s) of this poem: poem
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manoj m modi Like · Reply · 1 · 8 mins

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ronak r shak Like · Reply · 1 · 8 mins Manage

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yogendra singh jethva Like · Reply · 1 · 8 mins Manage

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nada vishal Like · Reply · 1 · 21 mins

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gamit chandresh Like · Reply · 1 · 21 mins Manage

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welcome aabshalibhadra mehta Like · Reply · 1 · 27 mins Manage

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welcome tribhovan panchal Like

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welcome raju lakhani Like · Reply · 1 · 26 mins Manage

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welcome rakesh sinh solanki Like · Reply · 1 · 25 mins

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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